Thursday, November 24, 2011

ऐसा हो वास्तु सम्मत आफिस/कार्यालय


ऐसा हो वास्तु सम्मत आफिस/कार्यालय-
आजकल व्यावसायिक गतिविधियां आफिस बनाकर संचालित की जाती हें , व्यवसाय में जबर्दस्त प्रतियोगिता होने के कारण, सफलता पाने के लिए हर उद्यमी को काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। ऐसे कठिन दौर में आफिस का निर्माण व साज-सज्जा वास्तुशास्त्र्र के सिद्धांतों के अनुसार करना बहुत लाभदायक रहता है।
जो आफिस वास्तु अनुकूल नहीं होते हैं, उस जगह कार्य करने वाले कर्मचारियों की कार्यक्षमता प्रभावित होती है, कर्मचारियों में चिड़चिड़ापन रहता है, अधिकारियों व कर्मचारियों के मध्य विवाद होते रहते हैं। इसके अलावा आफिस में कई प्रकार की समस्याएं चलती रहती हैं। इसके विपरीत यदि आॅफिस वास्तु अनुकूल होता है, तो वहां का वातावरण खुशनुमा रहता है, वहां कार्यरत अधिकारी एवं कर्मचारी तनाव मुक्त रहते हैं, उनकी कार्यक्षमता अच्छी होती है, वे मिलजुल कर काम करते हुए प्रसन्न रहते हैं और समय-समय पर योग्यतानुसार प्रमोशन भी प्राप्त करते हैं। अतः आफिस के लिए वास्तु अनुरूप स्थान लेकर आफिस की सजावट इस प्रकार करें–
आफिस के बाहर लकड़ी, प्लास्टिक या किसी धातु से बना आफिस का खूबसूरत साइनबोर्ड अवश्य लगाना चाहिए, जो आपके यहां आने जाने वालों को अच्छी तरह दिखाई दे सके। आकर्षक साइनबोर्ड लगाने से आफिस की प्रसिद्धि में वृद्धि होती है।
आफिस के मुख्य अधिकारी का कक्ष नैऋत्य कोण में होना चाहिए, तथा कक्ष का आकार वर्गाकार या आयताकार होना चाहिए। विषम आकार का कभी नहीं होना चाहिए।
किसी भी कर्मचारी को आफिस में टायलेट के दरवाजे की ओर मुंह करके नहीं बैठना चाहिए।
अधिकारियों के कक्ष के साथ यदि टायलेट हो, तो ध्यान रहे वह कक्ष के ईशान कोण में नहीं होना चाहिए।
आफिस में किसी भी प्रकार की बंद पड़ी घड़ी, टेलीफोन, फैक्स, फोटोकापी मशीन इत्यादि नहीं होने चाहिए। यह बंद पड़ी चीजें वहां के कर्मचारियों के जीवन में रूकावटें पैदा करती हैं।
आफिस की टेबल इस प्रकार रखी जानी चाहिए कि उस पर कार्य करने वाला दरवाजे से अंदर प्रवेश करने वाले को भली-भांति देख सके।
आफिस में दरवाजे के ठीक सामने टेबल नहीं रखनी चाहिए, इससे वहां कार्यरत कर्मचारी को मानसिक तनाव रहने से उसकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है।
अधिकारीयों व कर्मचारियों को किसी बीम या परछत्ती के नीचे बैठकर कार्य नहीं करना चाहिए, इससे मानसिक तनाव उत्पन्न होता है। यदि जगह के अभाव के कारण बीम के नीचे बैठकर कार्य करना मजबूरी हो, तो फेंग शुई के अनुसार बीम के दोनों ओर 2 बांसुरी लाल रिबन में बांधकर 450 कोण में लगाकर इस दोष को दूर किया जा सकता है।
टेबल का आकार कक्ष के आकार के अनुपात में न बहुत छोटा हो न बहुत बड़ा, बहुत बड़ा होने से वहां कार्य करने वाला हमेशा थकान महसूस करता है, और बहुत छोटी टेबल आत्मविश्वास में कमी लाती है।
टेबल पर टेलीफोन व फैक्स टेबल के आग्नेय कोण में रखने चाहिए। पानी का गिलास टेबल के ईशान कोण में रखना चाहिए।
आफिस के किसी भी कक्ष में कम्प्यूटर आग्नेय कोण में रखना चाहिए।
आफिस में फाइल, स्टेशनरी व अन्य सामान रखने की अलमारियां प्रत्येक कक्ष की दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखनी चाहिए।
आफिस के स्टाफ के लिए मनोरंजन कक्ष आफिस की वायव्य दिशा में होना चाहिए।
आफिस के किसी भी कमरे की दीवारों एवं परदों पर कहीं भी हिंसक पशु-पक्षियों के, उदासी भरे, रोते हुए, डूबते हुए सूरज या जहाज के, ठहरे हुए पानी की तस्वीरें, पेंटिंग या मूर्तियां न लगाएं, यह कर्मचारियों के जीवन में निराशा पैदा करती हैं। जिससे कार्य क्षमता प्रभावित होती है। अकाउंट विभाग उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए, और अकाउंटेंट को उत्तरोन्मुखी होकर बैठना चाहिए।
कैशियर का कक्ष आफिस की उत्तर दिशा में इस प्रकार होना चाहिए कि, कैशियर मुख्य द्वार से प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति पर दृष्टि रख सके।
आफिस की सेफ अर्थात् कैश बाक्स दक्षिण की दीवार से लगाकर रखनी चाहिए, ताकि सेफ का दरवाजा उत्तर दिशा की ओर खुल सके।
स्वागत कक्ष आफिस के ईशान, उत्तर या पूर्व दिशा में बनाना चाहिए। स्वागत अधिकारी की बैठक व्यवस्था इस प्रकार हो कि, उसका मुंह उत्तर या पूर्व दिशा में रहे, ताकि आगंतुक का मुंह पश्चिम व दक्षिण दिशा में रहे।
मार्केटिंग व सेल्स विभाग अर्थात् आउटडोर काम करने वाले कर्मचारियों का कक्ष वायव्य कोण में बनाना शुभ होता है।
आफिस का डाक व संप्रेषण विभाग दक्षिण या पश्चिम दिशा में होना चाहिए।
कांफ्रेंस हाल, आफिस के उत्तर या पश्चिम वायव्य दिशा में रखना चाहिए जहां अंडाकार मेज व 15-20 व्यक्तियों के बैठने की व्यवस्था हो सके।
कांफ्रेंस हाल में प्रमुख अधिकारी की कुर्सी इस प्रकार रखनी चाहिए कि, वह पूर्व या उत्तर मुखी होकर इस प्रकार बैठे कि, कांफ्रेंस हाल में दरवाजे से आने-जाने वाले व्यक्ति पर निगाह रख सके।
इन साधारण किंतु चमत्कारिक वास्तुशास्त्र सिद्धांतों के आधार पर यदि आफिस का निर्माण किया जाऐ तो उत्तरोतर प्रगति संभव है।
पं0 दयानन्द शास्त्री
विनायक वास्तु एस्ट्रो शोध संस्थान ,
पुराने पावर हाऊस के पास, कसेरा बाजार,
झालरापाटन सिटी (राजस्थान) 326023
मो0 नं0– 09024390067
E-Mail – dayanandashastri@yahoo.com,
-vastushastri08@rediffmail.co

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