Thursday, May 7, 2015

वेंचर कैपिटल
छोटे और मझोले कारोबारियों के लिए फंड जुटाने के काफी कम स्रोत होते हैं। लेकिन वेंचर कैपिटल ऐसे कारोबारियों के लिए अहम फंड जुटाने का अहम जरिया है। हालांकि, ऐसे कारोबारियों में भविष्य में अच्छा मुनाफा कमाने की और खुद को बड़े कारोबारी के रूप में स्थापित करने की क्षमता होती है। लेकिन आम निवेशक ऐसे कारोबारियों को फंड देने से बचते हैं, क्योंकि ऐसे निवेश में काफी जोखिम होता है। ऐसे कारोबारियों की क्षमता और हुनर को देखते हुए उनके कारोबार को फंड देने के लिए वेंचर कैपिटल का कॉन्सेप्ट्स उभर कर आया। किसी भी छोटे कारोबार की शुरुआत के लिए वेंचर कैपिटल एक तरह का वादा है, जो पूंजी या शेयरहोल्डिंग से जुड़ा होता है।
वेंचर कैपिटलिस्ट्स में अलग्-अलग सेक्टर्स के प्रोफेशनल्स शामिल होते हैं। वे छोटे कारोबारियों और फर्मों को उनके प्रोजेक्ट्स की जांच करने के बाद फंड उपलब्ध करवाते हैं, जिसे वेंचर कैपिटल फंड कहा जाता है। वेंचर कैपिटलिस्ट का मकसद अपने निवेश से अच्छा रिटर्न हासिल करना होता है, लेकिन उनके कॉन्सेप्ट्स पारंपरिक कर्जप्रदाताओं (मनीलेंडर्स) से बिल्कुल अलग होते हैं। उन्हें अच्छी तरह से मालूम होता है कि किसी प्रोजेक्ट पर होने वाले नुकसान की भरपाई भारी रिटर्न की वजह से दूसरे स्रोतों से की जा सकेगी। वे कंपनी के प्रबंधन में एक्टिव रहते हैं और बतौर अच्छे बैंकर्स, टेक्नोलॉजिस्ट्स, प्लानर और मैनेजर्स अपनी विशेषज्ञता समेत क्वालिटी से जुड़ी सलाह देते रहते हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि कारोबारी और वेंचर कैपिटलिस्ट पार्टनर्स के रूप में काम करते हैं।
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