नईदिल्ली। किसी भी फसल या बागवानी के विकास में जलवायु की महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं। बात भी सभी स्वीकार करते है। साथ ही पौधे को उसके अनुकूल जलवायु मिलने पर ही पौधे का विकास होता हैं लेकिन विज्ञान की कुछ नई पहल इन बांतों को पीछे छोड़ सब कुछ सम्भव कर दिया है।
अतुल लिमिटेड कम्पनी की नई पहल से विश्व स्तरीय संवधित खजूर पौध उत्पादन अब देश में कहीं भी किया जा सकता है। कम्पनी के मैंनेजर विमल आर पटेल ने जानकारी देते हुए बताया कि इन पौधों के सेम्पल 5 वर्ष तक लैंब में तैयार किए जाते है। उसके बाद पौधों को कहीं भी रोपा जा सकता हैं। पौधों की रोपाईं 8 मीटर प्रति पौधे के बीच अंतर होना चाहिए। रोपे गए पौधे 4 वर्ष की आयु में फल देना प्रारम्भ कर देते है।
जिसका सीधा सीधा लाभ मिलना शुरू हो जाता है। खजूर पौधों की आयु लगभग 60 से 70 वर्ष की होती है। कम समय व लागत से भरपूर लाभ की चाह सिर्फ खजूर की बागवानी करके ही पूरी की जा सकती है। अधिक जानकारी के लिए मों.8347438989 पर विमल आर पटेल को सम्पर्क कर सकते है। ईमेल : vimal_patel@atul.co.in
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