Tuesday, June 12, 2012

वृषभ राशि में गुरु : क्या होगा असर

17 मई से 14 जून तक वृषभ राशि में चतुर्ग्रही संयोग निर्मित हो रहा है। 12 वर्ष के लंबे अंतराल बाद गुरु वृषभ राशि में आ रहे हैं। ज्योतिषियों के अनुसार वृषभ का गुरु जन-धनहानि करवाता है। वहीं सत्ता पक्ष पर विपक्ष भारी पड़ेगा। वृषभ राशि में गुरु, शुक्र, केतु एवं सूर्य का चतुर्ग्रही योग बनेगा।

विपक्ष, सत्तापक्ष पर भारी पड़ सकता है :- देवगुरु बृहस्पति 17 मई को अपने शत्रु दैत्याचार्य शुक्र की वृषभ राशि में ठीक 12 वर्ष पश्चात्‌ प्रवेश करेंगे। एक राशि में गुरु 13 माह व्यतीत करते हैं। प्रत्यक्ष रूप से तो शुक्र गुरु से तटस्थ अर्थात समभाव रखता है लेकिन पीठ पीछे शत्रुत्व व्यवहार कर अन्यों को उकसा कर देवगुरु बृहस्पति को सतत चुनौती देता रहता है। देवगुरु बृहस्पति को परमार्थ का प्रतीक कहा जाता है, जबकि दैत्याचार्य शुक्र को स्वार्थ का कारक बताया गया है। 

राष्ट्रपति चुनाव पर नजर :- बृहस्पति का शुक्र की राशि वृषभ में आना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि देश में सत्ता परिवर्तन के लिए कूटनीतिक शक्तियां प्रबल होंगी। राष्ट्रपति चुनाव के समय यह बात जगजाहिर हो जाएगी कि विपक्ष ही नहीं सरकार के अपने घटक दल भी अपना राग अलापने का हर संभव प्रयास करेंगे।



FILEजीवन में स्थायित्व : वृषभ स्थिर राशि है। इसमें गुरु के आगमन से कई लोगों के जीवन में स्थायित्व आएगा। जिनकी कुंडली में गुरु शुभ स्थिति में है उन्हें प्रचुर लाभ होगा। नया मकान, विवाह, नौकरी में स्थायित्व आदि कई कार्य पूर्ण हो सकेंगे।

गुरु की प्रसन्नता हेतु करें उपाय :- 

* माता-पिता एवं बड़ों का आदर-सम्मान करें। 

* केले के पेड़ एवं पीपल का पूजन करें।

* गुरुवार को चने की दाल व गुड़ गाय को खिलाएं।

* भगवान विष्णु की पूजा उपासना करें।

* पुखराज या सुनहरा रत्न धारण करें।

* शुभ फल की प्राप्ति हेतु गुरु के 19000 जाप स्वयं करें या विद्वान ब्राह्मण से कराएं। 

* इस दौरान ऊं बृं बृहस्पतये नमः का जाप करना लाभकारी रहेगा। 

गुजरात में आया था भूकंप : वृषभ भूमि तत्व की राशि होने से पृथ्वी पर हलचल भूकंप, भूस्खलन के कारण व्यापक जन-धन हानि होती है। उल्लेखनीय है कि वर्ष-2001 में जब 12 वर्ष पूर्व वृषभ में गुरु आया था तब 26 जनवरी 2001 को गुजरात में भूकंप आया था। जिसमें बड़े पैमाने पर जन-धन की हानि हुई थी।

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