Tuesday, June 12, 2012

लक्ष्मी प्राप्ति के स्वर्णिम सूत्र

- नियमित रूप से घर की प्रथम रोटी गाय को व अंतिम रोटी कुत्ते को दें तो आपके भाग्य का द्वार खुलने से कोई नहीं रोक सकता।

- कभी भी किसी को दान दें तो उसे दहलीज से अंदर न आने दें। दान घर की दहलीज के अंदर से न करें।

- नियमित रूप से प्रत्येक शुक्रवार को श्रीयुक्त या लक्ष्मी सूक्त का पाठ किया जाए तो वहाँ माँ लक्ष्मी का स्थायी रूप से वास होता है।

- प्रातः उठकर सर्वप्रथम गृहलक्ष्मी यदि मुख्य द्वार पर एक लोटा जल डालें तो माँ लक्ष्मी के आने का मार्ग प्रशस्त होता है।

- आर्थिक संपन्नता के लिए नियमित रूप से पीपल के वृक्ष में जल अवश्य दें।

- आर्थिक वृद्धि के लिए सदैव शनिवार के दिन गेहूँ पिसवाएँ तथा गेहूँ में एक मुट्ठी काले चने अवश्य मिला दें।

- यदि बुधवार के दिन आपके सामने कोई हिजड़ा आ जाए तो उसे अपने सामर्थ्य से कुछ पैसे अवश्य दें, चाहे वह स्वयं न माँगे।

- आप यदि कहीं जा रहे हो और मार्ग में आपका कोई मोर नाचता दिखाई दे तो आपको तुरंत उस स्थान की मिट्टी उठाकर अपने पास रख लें व घर आकर उस मिट्टी को धूप-दीप दिखाकर लाल रेशमी वस्त्र में रखकर अपनी तिजोरी में रख दें।

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